जासूसी के हम्माम में सब..
अमेरिका और यूरोप प्रतिस्पर्धियों की तरह एक-दूसरे की जासूसी कर रहे हैं और सहयोगियों की तरह सारी दुनिया की, राम यादव की रिपोर्ट...बड़े शौक से सुन रहा था जमाना
प्रियदर्शन बता रहे हैं कि यदि विजयदान देथा न होते तो हम जान भी न पाते कि हमारी लोककथाओं का वितान कितना बड़ा है...गरलता से सरलता तक
इस्लाम की रक्षा के नाम पर डेनमार्क के अहमद अक्कारी ने सात साल पहले पूरी दुनिया में ऐसी आग भड़काई जिसमें करीब 200 लोगों की जान चली गई. तब वह 27 साल का था और बदले की आग से धधक रहा था. अब पश्चात्ताप की आंच से पिघलकर वह धार्मिक सद्भावना का भक्त बन गया है....‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’
हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट....बाबा, आगे जाओ
छत्तीसगढ़ में बाबाओं और साधु-संतों के सहारे कभी चुनावी वैतरणी पार करने वाले नेता अब इनसे दूरी बरतने में ही भलाई समझ रहे हैं. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट....साधु, सपना और सरकार
स्वर्ण भंडार से जुड़े सपने ने शोभन सरकार को बड़े पैमाने पर सुर्खियों में तो ला दिया है, लेकिन यह सपना झूठा हुआ तो उनकी लोकप्रियता को जबरदस्त क्षति पहुंचा सकता है. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट....उत्तर छत्तीसगढ़ और बस्तर की सियासत
टिकटों की बंटवारे के बाद बस्तर और उत्तरी छत्तीसगढ़ में दोनों पार्टियां एक दूसरे के सामने कहां ठहरती हैं? प्रियंका कौशल की रिपोर्ट ...अलहदा जुबानों का एक पुल
इतनी सारी बोलियों और भाषाओं का ‘समन्वय’ कुछ ऐसा ही था जैसे बचपन की एक अजब-गजब दुनिया का मजा लेने के लिए नानी के घर पहुंचना. पूजा सिंह की रिपोर्ट....किसान एक्सप्रेस पर सवार भाजपा
क्या कहता है छत्तीसगढ़ भाजपा का घोषणापत्र? प्रियंका कौशल की रिपोर्ट ...-
अयोध्या नगरी की रामकहानी
कथा-1‘लो आ गई अपनी नगरी!’ मर्यादा पुरुषोत्तम राम बोले. ‘क्या अपनी प्यारी अयोध्या नगरी आ गई!’ लक्ष्मण ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा. जलते दीये -
चलते-फिरते पुतलों की लीला
यहां आए तमाशबीनों को इंतजार है रावण के जलने का. यूं तो इसे अब तक जल जाना चाहिए था, मगर वह अब भी सीना ताने -
त्रासदी से पहले की त्रासदी
यह शवगृह था. कई लाशें लेटी थीं. निश्चिंत. शांत. मगर कुछ को देखकर लगता था कि अभी वे बोल उठेंगी. अभी-अभी एक लाश पोस्टमार्टम के
-
-
पायलिन की चपेट में उड़ीसा
क्या है पायलिन? पायलिन समुद्र की गहराइयों से उठकर तेजी से तटों तक पहुंचने वाला विकराल चक्रवाती तूफान है. ऐसे चक्रवात नम हवा के उठने -
‘नापसंदी’ को सुप्रीम कोर्ट की हां
क्या है कोर्ट का फैसला?सुप्रीम कोर्ट ने 'राइट टू रिजेक्ट' को लेकर ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है. इसके मुताबिक अब मतदाता चुनाव में खड़े होने वाले
-
फोन टैपिंग: रामकृष्ण हेगड़े
जब एक मुख्यमंत्री पर फोन टैपिंग करवाने का आरोप लगा और उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ाराजनीति में प्रवेश और बोफोर्स मामला सामने आने -
यू-2 जासूसी अभियान: चारबतिया हवाई अड्डा
जब अमेरिकी जासूसी विमानों ने भारत के हवाई अड्डे से उड़ानें भरीं. -
जस्टिस अजित नाथ रे
जब परंपरा तोड़कर मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति हुई और देश भर में इसका अभूतपूर्व विरोध हुआ.
-
‘मेरी लड़ाई, मेरे गांव के लिए है. मेरे बच्चों के लिए है’
कौनजजीरा वीकब सेछह अक्टूबर 2013कहांजंतर मंतर (नई दिल्ली) क्योंकरीब दो साल पहले जजीरा वी ससुराल से मायके आईं तो पिता के घर पहुंचने की उनकी खुशी -
‘गंगा की अविरलता से कम कुछ नहीं चाहिए’
कौनस्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रोफेसर जीडी अग्रवाल)कब13 जून सेकहांहरिद्वारक्योंनाक में फोर्स फीडिंग की नली और पैर की नस में ग्लूकोज की ड्रिप चढ़ाए हुये अस्पताल -
‘किताबें दो’
कौनछात्र और अध्यापक कबदो साल से कहांबेगूसराय, बिहारक्योंयह न तो राजधानी पटना की सड़कों पर चलने वाला ऐसा सालाना आंदोलन है कि मीडिया कैमरों के फ्रेम में
-
आखिर कौन था वह अजनबी?
बीते सितंबर के आखिरी दिनों की बात है. मैं रांची स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी में पांच दिन के एक विभागीय कार्यक्रम में भाग -
‘माई’ की दुहाई ने बचाया लालू के कोप से
अब मुझे सन और तारीख तो ठीक-ठीक याद नहीं हैं लेकिन बात उन दिनों की है जब लालू प्रसाद यादव बिहार के वजीर-ए-आला यानी मुख्यमंत्री -
‘महसूस कीजिए उनके कष्ट को...’
सरकारी अस्पताल की वह सर्द रात काफी मुश्किल थी. उस रात दोस्त की पत्नी को अचानक उठी प्रसव पीड़ा के चलते हम उन्हें लेकर अस्पताल
Audio Reports More Audio
-
चिह्न पर प्रश्नचिह्न
- 'आप’ का क्या होगा?
- ‘अगर मेरी बेटी वहीं बता देती तो मैं एक पत्थर उठाकर वहीं आसाराम को मार देता’
- ह्त्याग्रही गांधी!
-
‘जीवन एक तीर्थयात्रा है.’
- 83 के विश्व विजयी वीरों का सम्मान
- माया से मुलायम मालामाल
- अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
-
Naresh,
Naresh Dr. Gyan Chaturvedi ke swasthya vishyak lekh hamesha hi bahut spasht hote hain.Rochakta ek atirikt gun hai jo unke sahityakar hone ka prabhav hai. Har chikitsak/lekhak ...
-
Sant Lal,
Sant Lal जब मीडिया में कारपोरेट पक्षधरता साफ-साफ दिख रही हो, ऐसे समय में तहलका अपनी बेबाक टिप्पणी के जरिए भारतीय लोकतंत्र का अग्रिम मोर्चे का प्रहरी ...
-
CHANDAN SINGH,
CHANDAN SINGH A portal financed by congress and run by sycophants
-
kalpana yadav,
kalpana yadav the problem of child labour is really very serious despite that no serious actions are taken against those who are involved in this punishable crime ...